Wednesday 7 December 2011

मथुरा-वृन्दावन इतिहास की परतों में

वृंदावन, 7 नवम्बर, 2011

तीन दिनों तक मथुरा वृंदावन राधाकृष्ण धाम का
दर्शन, परिदर्शन करता रहा
राधामधव के प्रति आत्म-भाव की डोर से बंधा
विदा लेकर इस पावन माटी की
राधा-गंध सुवासित नन्दन-कानन से
आज प्रस्थान करूंगा,
कलकत्ता महानगर की भीड़ भरी
सड़कों, दिनचर्याओं की आत्महन्ता पीड़ा,
सहेजने के लिए
विदा दो गोपी कृष्ण, मधुसूदन, गोविन्द,
लल्ला, माखन चोर, रणछोड़, गोपाल,
कनुप्रिया, कान्हा, कन्हैया, कृष्ण,
कालिन्दी तटवासी, कालेनाग को परास्त करने वाले,
माखन, चीर-चोर, रास रचैया, नट नागर,
नमन है वृन्दावन,
नमन है कृष्ण जन्म भूमि मथुरा,
नमन है विगत इतिहास का
कृष्णकारी समय
राधा माधव तुम्हारा जन्म जन्मान्तर हो जय।

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