Thursday 19 July 2012

माननीया श्रीमती ममता बनर्जी,
                                          सादर नमन।

कवि द्विजेन्द्र लाल राय की 150वीं जयंती के अवसर पर राज्य के सूचना एवं संस्कृति विभाग की ओर से कवि की  कविता धन्य धान्य के नाम पर प्रस्तावित प्रेक्षागृह बनाने का माननीय मुख्यमंत्री का निर्णय सराहनीय है। परन्तु नामकरण ठीक नहीं है। कविता का नाम धन्यधान्य के स्थान पर धनधान्य उचित शब्द है। यह संस्कृत का शब्द है जो हिन्दी, बंगला, तेलगु, मलयालम, ओड़िया आदि भाषाओं में प्रयुक्त  होता आया है।  जिसका अर्थ है धन-समृद्धि। कवि गुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर, जीवनानन्द दास ने भी धनधान्य शब्द का अपनी कविताओं में प्रयोग किया है। 
हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
                                                                                                          आपका,

                                                                                                      स्वदेश भारती

प्रतिष्ठा में,
माननीया ममता वन्द्योपाध्याय
मुख्यमंत्री  
पश्चिम बंगाल सरकार
राइटर्स बिल्डिंग,
कोलकाता - 700 001


No comments:

Post a Comment